हिंदी कहानियां - भाग 186
रीना का दादा-दादी रॉक बैंड
रीना का दादा-दादी रॉक बैंड रीना जहां रहती थी, वहां हर कोई दुर्गा पूजा के उत्सव की तैयारी में लगा था। रीना के बड़े भैया का तो बोलबाला था। वह संगीत, नृत्य, गायन व खेलों में हमेशा अव्वल आते थे। वह कॉलेज जाने के बाद इन सबके अभ्यास में अपना वक्त बिताते थे। रीना उन्हें देख-देखकर हमेशा सोचती कि भैया की मोहल्ले में सब लोग जितनी तारीफ करते हैं, काश, मेरी भी उतनी ही तारीफ होती। वैसे रीना की तारीफ होती तो थी, लेकिन केवल पढ़ाई के लिए। वह पढ़ाई में तो खूब होशियार थी, लेकिन कुछ और भी ऐसा करना चाहती थी, जिससे लोग उसके बड़े भैया की तरह उसकी भी तारीफ करें। नन्ही रीना के दोस्तों में कोई फैंसी ड्रेस के लिए तैयारी कर रहा था, कोई सोलो डांस के लिए। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? वैसे करने को तो बहुत कुछ था, पर वह सबसे अलग कुछ करना चाहती थी। एक दिन वह उसी सोच-विचार में डूबी थी कि रीना के रॉनी भैया ने उसे देखा। उन्होंने प्यार से आकर अपनी नन्ही बहन से पूछा कि वह इतनी उदास क्यों बैठी है? नन्ही रीना तो इसी का इंतजार कर रही थी, क्योंकि भैया को परेशान करने की उसकी हिम्मत नहीं होती थी। उसके भैया इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे थे। बस, जब भइया ने पूछा, तो रीना ने फटाफट अपनी इच्छा बता दी कि वह इस दुर्गा पूजा में कुछ ऐसा करना चाहती है, जो सबसे अलग हो और लोगों को खूब पसंद आए। रीना की बात सुनकर रॉनी भैया हंस पड़े और बोले, “हम्म... कुछ अलग सोचना तो वाकई कठिन है। थोड़ा सोचकर बताता हूं।” अगले दिन जब रीना स्कूल से वापस घर पहुंची, तब रॉनी भैया उसे उसके कमरे में ले गए। वहां एक बड़ा सा डिब्बा रखा हुआ था। उन्होंने रीना से आंखें बंद करने को कहा और जब रीना ने आंखें खोलीं, तो सामने एक कैसियो मिनी की-बोर्ड रखा था। रीना खुशी से चिल्ला उठी, “भैया, यह तो की-बोर्ड है।” “हां, और इस पर मैं तुम्हें कुछ ही दिन में कई धुनें निकालना सिखा दूंगा। उसके बाद तुम और दादाजी मिलकर इस पर अच्छे-अच्छे गाने का अभ्यास कर लेना और दादा-पोती की जोड़ी की परफॉर्मेंस देना। देखना सबको कितना मजा आएगा। दादाजी भी तैयार हैं इसके लिए।” रीना ने भैया और दादाजी के साथ अपने पसंदीदा गाने की की-बोर्ड पर प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी। फिर क्या था! अभी तक तो दादाजी ही साथ थे, फिर उसके बैंड में दादी और दादाजी के कुछ दोस्त भी शामिल हो गए। दुर्गा पूजा उत्सव के मेले में रीना की अगुवाई में की-बोर्ड के साथ दादा-दादी बैंड की परफॉर्मेंस पूरे मोहल्ले में चर्चा का विषय थी। अब मोहल्ले में रीना भी अपने एक अच्छे काम से रॉनी भैया की तरह प्रसिद्ध हो गई थी।’